*माँ और प्रकृति*
यदि मानव जाति अपराध करने से पुर्व ही ये विचार कर ले कि इचका अंत कितना कष्टकारी और पीड़ादायी हौगा तो ना ही अपराध हींगे ओर ना ही अपराध की भावना जन्म ले पायेगी।
माँ और प्रकृति
माधब गोगोई
संस्थापक
🕉ভৱিষ্যতবাণী🕉 👉 পৃথিৱীৰ ধংশ সমাগত 👉 সাৱধান মানৱ জাতি। সেই বিশ্বৰ মানৱ জাতি সাৱধান। সময় থাকোতেই মানৱ জাতিয়ে ভূল সমূহ সূধৰা...
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